Thursday, March 4, 2010

तेरे जाने से

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आई थी और चाँद भी था,
सांस वैसे ही चलती है हमेशा की तरह,
आँख वैसे ही झपकती है हमेशा की तरह,
थोड़ी सी भीगी हुई रहती है और कुछ भी नहीं,
होंठ खुश्क होते है, और प्यास भी लगती है,
आज कल शाम ही से सर्द हवा चलती है,
बात करने से धुआ उठता है जो दिल का नहीं,
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
रात भी आई थी और चाँद भी था,
हाँ मगर नींद नहीं ...नींद नहीं....

3 comments:

  1. shayad isiliye gulzar hi to keten hain ki rishte kabhi khatma nahi hote bas rishton ke naam badal jaten hain

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  2. Bahut khoob kaha Gulzar sahab ne..Dil chu liya.

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  3. Hello dear, your post was so wonderful thank you so much for sharing with us. Keep going
    Gulzar Shayari Images Quotes

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